इसलिए जिंदगी में जरूरी हैं दोस्त ?

 ....इसलिए जिंदगी में जरूरी हैं दोस्त !

आपने सुना होगा कि दोस्ती का रिश्ता, परिवार के रिश्तों से ज्यादा अहमियत रखता है और वह इसलिए क्योंकि आप अपने दोस्तों को खुद चुनते हैं। एक नए शोध में यह बात सामने आई है कि उम्र बढ़ने के साथ ही आपकी जिंदगी में दोस्तों की अहमियत भी बढ़ती है और यह रिश्ता आपकी सेहत और खुशी के लिए बहुत जरूरी है। उम्र बढ़ने पर दोस्ती के रिश्ते, मजबूत पारिवारिक रिश्तों से ज्यादा आपका साथ देते हैं। कुछ चुनिंदा दोस्त ऐसे होते हैं, जिनके साथ आप हर बात शेयर कर सकते है । ऐसे दोस्त हमेशा खुशी देते है । 

दोस्त... बस नाम ही काफी है

दोस्ती को शब्दों में बांधने की कोशिश निरर्थक है। मन से एक बार नाम निकला दोस्त और मानो पूरी दुनिया का खजाना आप सामने आ गया। एक ऐसा रिश्ता जिसमें जिंदगी के बाकी तमाम रिश्ते खिलखिलाते हैं। कभी वह पिता की तरह खयाल रखता तो कभी मां की तरह देखभाल करता है। भाई की तरह साथ खड़ा होता है और बहन की तरह अटूट प्यार करता है। दोस्ती के इतने रंग और इतनी खुशबू है कि उससे अधिक बाकी नहीं रह जाता। दोस्ती का रिश्ता दिल से बनता है और दिल से ही निभाया  जाता है। न कोई बड़ा होता है और न कोई छोटा। यह रिश्ता साल दर साल गहरा हो जाता है। हर फ्रेंड्स के बीच कुछ दिलचस्प कहानियां होती हैं जो उनकी दोस्ती को खास बनाती है। आप खुशकिस्मत हैं अगर आपके पास अच्छे दोस्त हैं । 

दोस्ती की क्वलीटी भी अहम !

जिंदगी में सिर्फ दोस्तों का होना ही काफी नहीं है। आप जिंदगी में कई दोस्त बनाते  हैं लेकिन उनके साथ आपका रिश्ता एक जैसा नहीं होता। कुछ दोस्तों के साथ आपका सिर्फ औपचारिक रिश्ता होता है तो कुछ के साथ दोस्ती काफी गहरी होती है। आपके दोस्तों की आदतें  कैसी है , ये भी आपके लिए बहुत जरूरी है । क्योंकि अभी कभी दोस्तों की आदत का असर आप पर भी होता है ।  


उम्र के साथ बढ़ती अहमियत !

करीब 100 देशों के 2 लाख 70 हजार से ज्यादा लोगों पर हुए शोध में यह बात सामने आई है कि अच्छी जिंदगी के लिए दोस्त और परिवार, दोनों ही जरूरी होते है। हालांकि, उम्र बढ़ने पर दोस्तों का महत्व परिवार से ज्यादा होता जाता हैं।

सबसे जरूरी है दोनों का भरोसा !

दोस्ती की नींव ही भरोसा है , दोस्ती में भरोसा सबसे महत्व पूर्ण है ।  सबसे जरूरी यह है कि आपकी जिंदगी में हमेशा ऐसे कुछ लोग होने चाहिए, जिन पर आप अच्छे और बुरे समय पर भरोसा कर सकें। भले ही ये आपके दोस्त हों या परिवार के कुछ खास लोग। अगर दोस्ती में भरोसा नहीं है तो वो दोस्ती सिर्फ औपचारिक भर है । 

सेहत के लिए अच्छी है दोस्ती ! 


दोस्तों के साथ आप अक्सर ही अपना समय एंजॉय करते  हैं, जबकि पारिवारिक आयोजन कई बार सीरियस और बोरिंग होते हैं। उम्र के साथ सिर्फ सच्चे दोस्त ही आपके साथ रहते हैं और बाकी सभी दोस्त अपनी-अपनी राह पर चले जाते हैं। ये सच्चे दोस्त आपको अच्छा महसूस करवाते है और आप उनके साथ खुश रहते  हैं। साथ ही आपकी स्वस्थ जिंदगी में भी अहम योगदान देते हैं। इसलिए अपने दस्तों का साथ कभी न छोडे।

कई रिसर्च यह कहती हैं कि सामाजिक सपोर्ट और अच्छी सेहत के बीच सीधा संबंध होता है। ओवेरियन कैंसर से पीड़ित कुछ लोगों पर किए गए एक अध्ययन में देखा गया कि जिनके पास समाज का ज्यादा साथ था, उनके शरीर में आक्रमणकारी कैंसर के प्रोटीन का स्तर बहुत कम था। इससे उनकी कीमोथेरेपी ज्यादा प्रभावी रही। एक अन्य शोध में पाया गया कि जिनके दोस्त कम थे, उन्हें दिल के दौरे से जल्द मृत्यु का जोखिम ज्यादा था। इन्हीं नतीजों को देखते हुए अब विशेषज्ञ भी मानने लगे हैं कि सोशल सपोर्ट लोगों को स्ट्रेस से लड़ने की ताकत देता है और बेहतर देखभाल करने के लिए प्रेरित करता है।

हाल ही 1500 बुजुर्गों पर पर 10 साल तक किए गए एक शोध के नतीजे सामने आए, जिसके अनुसार जिन लोगों के दोस्तों का बड़ा नेटवर्क था, उनके मरने की आशंका दूसरों की तुलना में 22 फीसदी कम थी। इसके कई कारण हो सकते हैं। कुछ लोग मानते हैं कि अच्छे दोस्त आपको बुरी लत जैसे धूम्रपान या शराब पीने से दूर रखते हैं। वहीं कुछ का मत है कि दोस्त आपको डिप्रेशन में नहीं आने देते, आपके आत्मसम्मान को बढ़ाते हैं और सहारा देते हैं। वहीं इसके ठीक उलट एक शोध में यह भी सामने आया कि बच्चों और दूसरों रिश्तेदारों के साथ आपके रिश्तों  का आपकी लंबी उम्र के साथ कोई संबंध नहीं होता।

 

महिलाओं की दोस्ती !

आमतौर पर दोस्ती निभाने में महिलाएं पुरुषों की तुलना में बेहतर साबित होती है।। वे स्ट्रेस के समय न केवल दोस्तों में सहायता की दरकार करती है, बल्कि जरूरत होने पर खुद भी दोस्तों की मदद करती हैं। बेशक पुरुष भी दोस्तों की मदद करते हैं लेकिन महिलाओं की मदद में भावनात्मक पहलू भी शामिल होता है। अपने दोस्तों की परेशानियों को सुनती और उनके लिए संभव हल भी सुझाती है।

अकेलेपन का बुरा प्रभाव !

 अकेले रहने वाले लोगों का क्या? क्या इस अकेलेपन के कारण उन्हें मृत्यु का जोखिम ज्यादा है? जवाब है हाँ लेकिन तभी जब कि वे अकेलापन महसूस करें । खुद को अकेला मानने वाले युवाओं में ड्रग्स का उपयोग ज्यादा किया जाता है। वहीं अकेलेपन से परेशान बुजुर्गों में हाई  ब्लडप्रेशर और नींद कम आने की समस्या पाई जाती है। इससे उनकी इम्युनिटी प्रभावित होती है और रक्त में स्ट्रेस हामोंन का स्तर बढ़ने लगता है। इसलिए दोस्त आपके अकेलेपन को दूर करते है जिसकी वजह से आपकी सेहत अच्छी बनी रहती है । 

लेकिन पहले जैसी बात नहीं रही दोस्ती में 

दोस्ती रिश्ता जरूर महत्वपूर्ण है लेकिन अब पहले जैसी बात भी नहीं । पहले के लोग दोस्त के लिए सब कुछ करने को तैयार हो जाया करते थे लेकिन अब वैसा बिल्कुल भी नहीं होता है । आजकल ज्यादातर रिश्ते सिर्फ मतलब से निभाए जाने लगे है जिस में से दोस्ती भी है । कई बार देखा गया है की दोस्तों किसी ना किसी वजह से दरार आ जाती है अब वह दरार पैसों को लेकर हो या किसी रिश्ते को लेकर या फिर कोई और वजह से हो । आज भी 70% रिश्ते सिर्फ और सिर्फ मतलब या जरूरत के आधार पर ही टीके है । 

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