जब आप गुस्से में हों तब क्या करें, क्या ना करें ?

जब आप गुस्से में हों  तब क्या करें, क्या ना करें  ?

गुस्सा एक स्वाभाविक भावना है, लेकिन जब यह नियंत्रण से बाहर हो जाता है, तो यह रिश्तों, मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक छवि को नुकसान पहुँचा सकता है। इसलिए यह जानना ज़रूरी है कि गुस्सा आने पर क्या नहीं करना चाहिए, और कैसे उस पर काबू पाया जा सकता है। हम कई बार गुस्से गुस्से में  ऐसी चीजें करते है, जिन्हें लेकर हम बाद बहुत में पछताते हैं कि आखिर हमने ऐसा क्यों किया। असल में कई बार गुस्सा हमें ऐसे फैसलों की तरफ ले जाता है जो पैसले हमारे लिए गलत साबित होते है । फैसले और चीजें ठंडे दिमाग से की जाएं, तभी बेहतर होते हैं। जल्दबाजी में या गुस्से में लिए गए फैसले परिस्थितियों  को और खराब कर सकते  है, इसलिए जब भी गुस्से में हों, ये चीजें भूल कर भी न करें...

रिश्ता खत्म करना !

गुस्से में कहे गए शब्द अक्सर  रिश्तों को तोड़ सकते हैं।अपने किसी दोस्त, रिश्तेदार या प्रेमिका से आप गुस्से में कह देते है कि आज से हमारा रिश्ता खत्म, अब कभी बात मत करना। यह बात हमेशा याद रखें, किसी रिश्ते को खत्म करना ऐसी चीज नहीं है, जिसका फैसला आप एक पल  में ले सकें। हो सकता है कि बाद में आपको अपनी गलती का अहसास हो ओर आप फिर से रिश्ता कायम करना चाहें, लेकिन सामने वाले ने आपकी बात को गंभीरता से ले लिया हो और अपनी तरफ से भी रिश्ता खत्म कर दिया हो। शांत हुए बिना जवाब देना अक्सर बात को और बिगाड़ देता है। इसलिए गुस्से में कभी भूलकर भी रिश्ते को खत्म करने की बात ना करें । 

हिंसा या आक्रामकता से बचें !

 ज्यादातर लोग गुस्सा आने पर आक्रामक हो जाते है इसलिए कभी भी गुस्से में आक्रामक , मारपीट या चीज़ें फेंकने जैसी गलती बिल्कुल भी ना करें  । ऐसा करने से शारीरिक या मानसिक हिंसा की उत्पत्ति हो सकती है ।  शारीरिक या मानसिक हिंसा आपको तो चोट पहुंचा ही सकती है पर साथ साथ दूसरों को गहरी चोट पहुंचा सकती है। गुस्से में जब आप चीजें फेंकने की गलती करते है इस से भी आपको नुकसान हो सकता है । 

सोशल मीडिया पर पोस्ट !

सोशल मीडिया का आपकी इमेज बनाने में बहुत बड़ा योगदान देता है। आपने गुस्से में कुछ पोस्ट कर दिया तो हो सकता है कि बाद में आपको पछतावा हो। अगर आप इस पोस्ट को बाद में हटा भी देते  हैं तो भी कई सारे लोग इस बीच उसे पढ़ चुके होंगे और आपको नुकसान हो ही चुका होगा। अगर आप किसी से नाराज हैं तो उसके खिलाफ लिख कर सोशल मीडिया का इस्तेमाल करके लोगों को अपनी तरफ करने के लिए बिल्कुल भी  मत कीजिए। 

गाड़ी चलाना !

जब भी गुस्से में हों, घर से गाड़ी लेकर मत निकलिए, यह आपके लिए जानलेवा हो सकता है। क्योंकि ऐसे माहौल में आपका मानसिक संतुलन ठीक नहीं होता है । ऐसे समय में आपके दिमाग में सिर्फ और सिर्फ नकारात्मक भारी होती है ।  अगर आपको कहीं जाना भी है तो पहले अपना मन शांत कीजिए,अपने और गाड़ी पर नियंत्रण प्राप्त कीजिए।

नौकरी छोड़ना !

कभी कभी बॉस की फटकार के बाद आपको लगता है कि मुझे  यह नौकरी तुरंत छोड़ देनी चाहिए। आपको इतना गुस्सा आता है कि आप नौकरी छोड़ने का नोटिस देने पर उतारू हो जाते है। ऐसा कोई भी निर्णय करने से पहले इतना सोच लें कि आज के जमाने में नई नौकरी मिलना उतना आसान नहीं है। यदि आपको बॉस की बात का बुरा लगा हो तो उन्हें शांतिपूर्वक इसके बारे में बता दें और यदि आपने नौकरी छोड़ने का फैसला कर ही लिया है तो भी सकारात्मक माहौल बनाकर छोड़ें।

प्रतिक्रिया देना !

आपने किसी से अपनी बुराई सुन ली, आपको गुस्सा आ गया और आप लग गए अपनी प्रतिक्रिया देने, बुराई करने वाले को सभी लोगों के सामने भला-बुरा कहने लग गए । असल में कोई भी प्रतिक्रिया देने से पहले थोड़ा रुके और सोचें। बुरा मानने की बजाय सोचें कि सामने वाले ने अगर मेरे बारे में कुछ बुरा कहा है तो क्यों कहा है?  क्या असल में वह बुराई मुझमें है ? क्या मुझ में  उस चीज में सुधार की जरूरत है ? एक बात और, अगर बुराई सुनने पर आप सामने वाले और उसकी बात को तवज्जो नहीं देंगे और यह जताएंगे कि उनके कहने से आपको कोई फर्क नहीं पड़ता तो वे भी आपकी बुराई करने से पहले कई बार सोचेंगे।

नशे की ओर न जाएँ !

गुस्से में नशे की और जाने बचे । गुस्से में  शराब, सिगरेट या ड्रग्स का सहारा लेना स्थिति को और बिगाड़ सकता है। जिस स्थिति को आप आसानी से सुधार सकते है वह स्थिति शराब, सिगरेट या ड्रग्स लेने से और ज्यादा बिगड़ सकती है , इसलिए गुस्से में नशे से दूरी बनाना ही बेहतर होगा । 

खुद को नुकसान न पहुँचाएं !

हमने अक्सर साना या देखा होगा की गुस्से में कई लोग हाथों की नस काट लेते है तो कोई आत्महत्या तक कर लेते है । आत्मघात की सोच या खुद को नुकसान पहुंचाना किसी समस्या का हल नहीं है।  ये संकेत हैं कि आपको सहायता की आवश्यकता है। इसलिए जब भी गुस्सा आए तो गुस्से को काबू करने की कोशिश कीजिए या कुछ देर के लिए खुद को अकेला कर लीजिए । 

गुस्से को दबाकर न रखें !

दबा हुआ गुस्सा मानसिक तनाव, डिप्रेशन और शरीर में बीमारियाँ ला सकता है।  इसलिए गुस्सा दिखाना भी जरूरी है । पर आप जब भी गुस्सा जाहिर करते हो तो सबसे पहले स्थिति को समझे और इस बात का ध्यान रखे की ना आपको किसी प्रकार का नुकसान ना हो और ना ही सामने वाले को हो । 

🔬 तनाव  के पीछे का विज्ञान: कौन-से हार्मोन हैं जिम्मेदार?

गुस्सा सिर्फ एक भाव नहीं है, यह शरीर में होने वाली जैविक और रासायनिक प्रतिक्रियाओं का परिणाम होता है। जब हम तनाव या खतरे की स्थिति में होते हैं, तो शरीर कुछ खास हार्मोन्स को सक्रिय कर देता है जो हमें ‘लड़ो या भागो’ (Fight or Flight) की स्थिति में ले आते हैं। इस प्रक्रिया में मुख्य रूप से ये हार्मोन शामिल होते हैं:

  1. एड्रेनालिन (Adrenaline) - यह हार्मोन शरीर को अलर्ट और ऊर्जा से भर देता है। दिल की धड़कन तेज़ होती है, सांसें तेज़ चलती हैं और गुस्से की स्थिति बनती है।
  2. कोर्टिसोल (Cortisol) - तनाव हार्मोन कहलाने वाला कोर्टिसोल, जब अधिक मात्रा में निकलता है तो व्यक्ति चिड़चिड़ा और गुस्सैल हो सकता है।
  3.  नॉरएड्रेनालिन (Noradrenaline) - यह हार्मोन ब्लड प्रेशर और दिल की धड़कन बढ़ाता है, जिससे गुस्से की तीव्रता बढ़ जाती है।
  4.  सेरोटोनिन (Serotonin) – संतुलन का कारक - सेरोटोनिन का स्तर कम होने पर व्यक्ति अधिक गुस्सैल हो जाता है। यह मूड और भावनाओं को स्थिर बनाए रखने में मदद करता है। 

गुस्से पर काबू पाने के उपाय !

  1. 🧘‍♂️ गहरी साँस लें और 10 तक गिनें :- यह सबसे आसान और प्रभावी तरीका है, इससे  दिमाग को ठंडा होने का समय मिलता है।
  2. 🏃‍♂️ शारीरिक गतिविधि करें :- वॉकिंग, दौड़ना या योग से मानसिक शांति मिलती है साथ ही गुस्से की ऊर्जा को सकारात्मक दिशा मिलती है।
  3. ✍️ अपने गुस्से को लिखें :- एक डायरी में अपने मन की बातें लिखना आपको हल्का कर सकता है।
  4. 🎧 मनपसंद संगीत सुनें :- म्यूज़िक मूड को शिफ्ट करने में मदद करता है।
  5. 🗣️ विश्वसनीय व्यक्ति से बात करें :- कोई भरोसेमंद दोस्त, परिवार या काउंसलर आपकी मदद कर सकता है।
  6. 🧘‍♀️ मेडिटेशन और प्रार्थना :- नियमित ध्यान करने से आत्म-नियंत्रण बढ़ता है।
  7. 📚 गुस्से की वजह पहचानें :- ट्रिगर (जैसे – अपमान, थकान, असफलता) को समझकर आप उन्हें रोक सकते हैं।
  8. 🧠 थेरैपी या काउंसलिंग लें :- अगर गुस्सा आपकी जिंदगी पर असर डाल रहा है, तो मनोचिकित्सक से मिलें।

📝निष्कर्ष 

जब कभी भी आपको गुस्सा आता है तो सबसे पहले खुद को शांत करें , या हो सके तो वहाँ से चले जाए और खुद को अकेला कर ले । आप जब भी गुस्से में हो किसी भी प्रकार से कोई फैसला ना ले । सबसे पहले आपने गुस्से को शांत करें फिर खुद से पूछे की क्या मेरा गुस्सा होना सही था ?  जब आप पूरी तरह शांत हो जाए तब ही किसी प्रकार का फैसला  ले । गुस्सा अगर नियंत्रण में रहे, तो वह रचनात्मक ऊर्जा में बदल सकता है। लेकिन अगर यह बेकाबू हो जाए, तो नुकसानदायक बन सकता है।

"गुस्से को मारो नहीं, समझो। और खुद को नुकसान न पहुँचाकर, समाधान की दिशा में बढ़ो।"


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