भारत में अगली जनगणना की तैयारी शुरू हो गई है ।

 भारत में अगली जनगणना की तैयारी शुरू हो गई है । 


आए जानते है जनगणना कैसे होती है ओर  और इस बार क्या क्या खास होने वाला है । 

  • भारत ने 16  साल बाद अगली जनगणना की तैयारी शुरू कर दी है । 
  • अधिकतर राज्यों के लिए जनगणना की तारीख 1 मार्च 2027 है , तो बर्फ से ढके क्षेत्रों जैसे लद्दाख , जम्मू कश्मीर ,हिमाचल और उतराखंड के लिए 1 अक्टूबर तय की गई है । 

जनगणना केसे होती  है ? 

1.4 अरब से ज्यादा लोगों को कवर करने वाली यह देश की सबसे बड़ी जानकारी जुटाने की प्रक्रिया है । 

  • इससे हमे देश की जनसंख्या समाज और अर्थव्यवस्था की सच्ची तस्वीर मिलती है । 
  • लोगों की पहचान काम धंधा रहन सहन और परिवार का तरीका कैसे बदल रहा है ये सब पता चलता है । 
  • सरकारें इसी से योजनाएं बनाती है और मदद सही लोगों तक पहुँचती है । 
जनगणना कैसे होती है ?

  • सबसे पहले राज्य अपने जिले और सीमाएं तय करते है । 
  • फिर 30 लाख कर्मचारी ( ज्यादातर शिक्षक ) घर घर जाकर जानकारी जुटाते है । 
  • इन्हें 46,000 ट्रेनर्स ट्रेनिंग देते है और इन पर नजर रखते है 1.2 लाख अधिकारी । 
जनगणना के मुख्य दो चरण होते है 
  • हाउस लिस्टिंग और हाउसिंग । 
  • जनसंख्या गिनती । 
पहला चरण हाउस लिस्टिंग ( मार्च से सितंबर 2026 )
घर और और इमारत का रिकार्ड बनता है : 
  • घर के मुखिया का नाम 
  • सदस्यों की संख्या 
  • इमारत का उपयोग ( रहने दुकान आदि के लिए )
  • निर्माण में लगे सामान 
  • कितने कमरे बिजली पानी की सुविधा 
  • शौचालय, खाना बनाने का ईधन 
  • टीवी मोबाइल गाड़ी जैसे साधन है या नहीं 
  • उद्देश्य : देश में लोगों की रहने की स्थिति और सुविधाओं का पूरा देता तैयार करना । 
दूसरा चरण - जनसंख्या गिनती हर व्यक्ति की जानकारी ली जाती है :
  • नाम , उम्र , जन्मतिथि , लिंग 
  • घर में किस से रिश्ता 
  • शादी शुदा है या नहीं 
  • पढ़ाई और नौकरी 
  • धर्म और जाती / जनजाति 
  • दिव्यंगता 
  • किस जगह से आए 
  • उद्देश्य : देश की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को बेहतर तरीके से समझना  । 
2027 की जनगणना क्यों है खास 
  • Census 2021‑HouseHold &  Census 2021‑NPR एप के माध्यम से होगी ।
  • 15 भाषा में उपलब्ध 
  • बिना इंटरनेट के भी काम करेगा 
  • GPS से लोकैशन रिकार्ड करेगा 
  • गलतियों को खुद चेक करेगा 
  • देश में पहली बार होगी जातिगत जनगणना । 
  1. कर्मचारी मोबाइल एप में तय विकल्पों पर टिक करेंगे - इस से डेटा एक जैसा और साफ सुथरा मिलेगा । 
  2. लोग चाहे तो खुद भी एक पोर्टल के जरिए अपने घर की जानकारी भर सकेंगे । 
  3. ऐसा करने पर एक युनीक कोड मिलेगा जिसे कर्मचारी वेरीफाई कर सकेंगे । 

डेटा की सुरक्षा कैसे होगी ?
  • इस बार 3 मेगा डेटा सेंटर्स और 18 प्रोसेसिंग हब तैयार किए गए है । 
  • अड्वान्स फायरवाल 
  • Intrusion Detection Systems
  • एक्सपर्ट की लगातार निगरानी 
  • 2027 की जनगणना पहले से तेज सटीक और गहराई से भारत को समझने की नई शुरुआत होगी । 
देश में अब तक कितनी बार हुई है जनगणना ?

भारत में अब तक 16 बार जनगणना हो चुकी है (2025 तक की स्थिति अनुसार)। यह जनगणना हर 10 वर्षों में होती है और इसे भारत सरकार का रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त संचालित करता है।

  • 1872 - पहली जनगणना (पूरे भारत में एकसमान नहीं थी, आंशिक रूप से हुई थी)
  • 1881 - पहली आधिकारिक और पूर्ण जनगणना पूरे भारत में एक साथ हुई । 1891,1901, 1911
  • 1921 - पहली बार जनसंख्या में गिरावट दर्ज की गई (1918 फ्लू महामारी का असर) 1931 
  • 1941  - WWII के कारण सीमित और अधूरी जनगणना । 
  • 1951  -  स्वतंत्र भारत की पहली जनगणना । 1961,1971,1981
  • 1991 -  पहली बार कंप्यूटर आधारित डेटा प्रोसेसिंग
  • 2001 - डिजिटल रिकॉर्डिंग में प्रगति । 
  • 2011 - अब तक की आखिरी पूर्ण जनगणना । 
  • 2021 -  (स्थगित) कोविड-19 के कारण स्थगित, नई तय तारीख 1 मार्च 2027 है । 




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