कुछ गलत कदम जो दुखदायी साबित हो जाते है !

 कुछ गलत कदम जो दुखदायी साबित होते है !



जीवन में हम सभी से जाने अनजाने में  गलतियां होती हैं। पर इन्हीं गलतियों से सीख लेते हुए आगे बढ़ते रहना  भी जरूरी है । लेकिन कई बार जाने-अनजाने में हम ऐसी  गलतियां कर बैठते  है, जो हमें  जीवन भर ठेस पहुंचाती है।

जीवन एक लंबी सड़क की तरह है जिसमें कई गड्‌डे, उतार-चढ़ाव, स्पीड ब्रेकर और दूसरी रुकावटें आती रहती हैं। अक्सर इन रुकावटों से बचने के लिए हम एक महज और आरामदायक रास्ता चुनने की भी कोशिश करते हैं।  जिसके चलते कई गलत कदम उठा लेते हैं, और फिर से वहीं पहुंच जाते हैं, जहां से हमने शुरुआत की थी। इनके प्रति सजग रहकर और अपनी पिछली गलतियों से सबक लेकर आगे बढ़ेंगे  तो निश्चित ही सही कदम उठा पाएंगे  और अपनी खुशी हासिल करने की ओर आगे बढ़ सकेंगे । इसलिए हमारे  लिए यह जानना जरूरी है कि ऐसी कौन-कौन सी गलतियां अक्सर हो जाती है । 

खुद पर और अपने सपनों पर यकीन न करना !

हममें से हर एक के पास कोई ऐसा काम करने की खूबी होती है, जो दूसरे नहीं कर पाते। अब अपनी इस खूबी को हम अपनी ताकत बनाते हैं या कमजोरी, ये पूरी तरह हम पर ही निर्भर है। बेशक हमारी नौकरी, रिश्ते और जिम्मेदारियां हम पर दबाव बनाती है लेकिन अगर हम अपने सपनों पर यकीन रखते हुए अपने दिल की सुनेंगे  तो पाएंगे  कि आत्मविश्वास की कमी हमारी  बहुत बड़ी गलती है। अपनी उम्मीदों और सपनों को पीछे छोड़कर हम  अपनी ही आत्मा और आत्मबोध को कुचल देते है । 

अपनी गलतियों को स्वीकार करना जिंदगी में आगे बढ़ने की दिशा में उठाया गया पहला कदम है। अगर हमसे  किसी भी तरह की गलती हो जाए तो उसे तुरंत स्वीकार कर के उस गलती से कुछ सीखना चाहिए और उस गलती को सुधारने की कोशिश करनी चाहिए । इससे हम  अपनी मंजिल की ओर तेजी से बढ़ सकते है । 

दूसरों से खुद की तुलना करना 

दार्शनिको  का मानना है कि तुलना आपकी खुशी चुरा लेती है । यह सही भी है क्योंकि दो व्यक्ति कभी एक  जैसे नहीं हो  सकते। मसलन मैग्जीन या टीवी में दिखने वाली मॉडल्स  से खुद की तुलना करना सही नहीं है क्योंकि वह  उनका असली  रूप नहीं होता। दूसरों से खुद की तुलना  करके आप अपने जीवन की खूबसूरती को देख ही नहीं  पाएंगे  और हमेशा खुद को कोसते रहेंगे । अगर जीवन की खुशी महसूस करना चाहते है तो जो आपके पास है उसके लिए शुक्रगुजार बने और अपने जीवन को बेहतर बनाने का प्रयास जारी रखें ।  

अपने शरीर की बात न सुनना !

यह एक बड़ी गलती है। शरीर से ज्यादा महत्वपूर्ण कुछ नहीं है। इसकी बात अनसुनी करके आप खुद के और इसके संकेतों के बीच एक दीवार खड़ी कर लेते  हैं। असल में शरीर कई तरह के मानसिक और शारीरिक लक्षणों के जरिए आपसे कुछ कहना चाहता है लेकिन आप अक्सर  इनकी ओर ध्यान नहीं देते है । आपको यह समझना होगा कि इन्हें अनदेखा करके आप किसी बीमारी को दफा तो कतई नहीं कर सकते  हैं अलबत्ता डॉक्टर के पास जाने का निर्णय लेने में देर जरूर कर सकते  हैं।

गलत लोगों के साथ जुड़ना !

यह तो तय है कि जिन लोगों के साथ आप समय बिताते हैं वे वास्तविकता और खुद के प्रति आपकी समझ को प्रभावित करते हैं। अगर आपसे जुड़े लोग आपको अहमियत नहीं देते या आपको नीचा दिखाने का प्रयास करते हैं तो समझ लीजिए कि आपके बीच का रिश्ता जहरीला है। ऐसे नकारात्मक प्रभाव आपके पूरे जीवन को तहस-नहस कर सकते हैं लेकिन तभी, जब आप खुद को इन प्रभावों से बचाने की कोशिश  करें। अगर आप सही मायने में आजादी चाहते  हैं तो ऐसे लोगों से जुड़े, जो आपके साथ खड़े हो सकें और आपको आगे बढ़ाने में मददगार बन सकें।

जीवन से मिली सीख नजरअंदाज कर देना !

जीवन की राह में न जाने कितने ही सबक  मिलते हैं, जो हमें साफ दिखाई देते लेकिन कुछ लोग इन्हें देखकर भी देखना  नहीं चाहते। हमें यह समझना होगा कि इस  तरह की दृढ़ता अक्सर आपको जरूरत ज्यादा नुकसान पहुंचा सकती है। दरअसल  ऐसी स्थिति में बहाव के साथ बहना आपको सही नहीं लगता और आप खुद चारों ओर एक चट्टान जैसा घेरा  बना  लेती हैं। वहीं अगर आप जीवन में मिलने  वाले सबक को खुले दिल से अपनाते है  तो आप कुछ नया करने, चुनौतियों सामना करने और जीवन में ज्यादा सतर्क  रहने के लिए खुद को तैयार कर पाते है । 



टिप्पणियाँ

लोकप्रिय पोस्ट