हवा में घुलता जहर ! 😷

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आज के समय में वायु प्रदूषण (Air Pollution) भारत सहित पूरी दुनिया के लिए एक गंभीर समस्या बन चुका है। खासकर भारत के बड़े शहरों में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब होती जा रही है। लेकिन सवाल यह है कि आखिर वायु प्रदूषण इतना क्यों बढ़ रहा है? इसके पीछे क्या कारण हैं, इसका हमारे स्वास्थ्य पर क्या असर होता है, और इससे निपटने के लिए सरकार और आम नागरिकों को क्या करना चाहिए?वर्तमान में आज हवा में इस कदर जहर घुल गया है कि आने वाले समय में लोगों का खुली हवा में सांस लेना भी मुश्किल हो जाएगा । मनुष्य अपनी जरुरतों को पूरा करने में प्रकृति से इतना खिलवाड़ कर रहा है कि पूरा का पूरा वातावरण प्रदूषित हो गया है। मनुष्य अपने स्वार्थ के लिए , अपनी आज कि जरूरतों को पूरा करने के लिए कल कि चिंता बिल्कुल भी नहीं कर रहा है । आज के दौर में हवा पूरी तरह जहरीली हो गई है । हवा में जहर घुलने के लिए मुख्य रुप से स्वयं मनुष्य हि जिम्मेदार है । हव

हवा में जहर घुलने के कई कारण हो सकते हैं

वनों कि कटाई :- आज मनुष्य अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए अंधाधुंध वनों कि कटाई कर रहा है अपनी छोटी से छोटी चीजों कि आवश्यकताओं के लिए पेड़ो को काट रहा है अपने जीवन को आसान बनाने कि हर जरुरत को प्रकृति से प्राप्त कर रहा है। जिससे वनों में काफी कमी आई है और वनों कि कमी होना वायु प्रदूषण का मुख्य कारण है ।
वनों कि कटाई के भी कई कारण है :- जैसे नई उद्योगों को स्थापित करना, शहरों का विस्तार, खेती का विस्तार 
वाहनों से निकलने वाला धुवां

वायु प्रदूषण के मुख्य कारण

भारत में वायु प्रदूषण के कई प्रमुख कारण हैं:

1. वाहनों से निकलता धुआं

डीजल और पेट्रोल से चलने वाले वाहनों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ रही है। इनसे निकलने वाली कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसी गैसें वायु प्रदूषण का बड़ा कारण हैं।

2. कारखानों और उद्योगों से उत्सर्जन

उद्योगों और फैक्ट्रियों से निकलने वाला धुआं, रसायन और भारी धातुएं हवा को अत्यधिक प्रदूषित करते हैं।

3. निर्माण कार्य (Construction Dust)

बड़े-बड़े शहरों में हो रहे निर्माण कार्यों के दौरान उड़ने वाली धूल हवा की गुणवत्ता को बुरी तरह प्रभावित करती है।

4. कचरा और पराली जलाना

खुले में कूड़ा और खेतों में पराली जलाने से भारी मात्रा में धुआं और प्रदूषक तत्व हवा में मिलते हैं।

5. घरेलू ईंधन (लकड़ी, कोयला, गोबर आदि)

ग्रामीण इलाकों में खाना बनाने के लिए लकड़ी, कोयला और गोबर का इस्तेमाल आम है, जिससे भारी धुआं निकलता है।


वायु प्रदूषण :- वाहनों, कारखानों, ऊर्जा उत्पादन के स्रोत और अन्य उद्योगों के उत्सर्जन से उत्पन्न होने वाले जलवायु प्रदूषण हवा में जहरीले तत्वों को मिलाकर हवा जहरीला बना देते है।


जल प्रदूषण: उद्योगों और नगरों से निकलने वाले जहरीले तत्वों से प्रदुषित नदियों या झीलों के पानी का उपयोग करने से भी हवा में जहर घुल सकता है।

ध्वनि प्रदूषण: बढ़ते ट्रैफिक और उद्योगों के शोर से हवा में जहरीले तत्व उड़ जाते हैं जो उच्च शोर स्तर के कारण उत्पन्न होते हैं।

प्राकृतिक आपदाएं: धुंध, धूल या जंगलों में आग लगने के कारण हवा में जहरीले तत्वों की मात्रा बढ़ सकती है।

इन सभी कारणों के साथ-साथ अन्य भी कई कारण हो सकते हैं। इसलिए, हमें हवा में जहर को कम करने के लिए संज्ञानबली बनाने और प्रदूषण को कम करने के लिए सक्रिय रूप से काम करना चाहिए।

वायु प्रदूषण से हमारे स्वास्थ्य पर प्रभाव

वायु प्रदूषण का असर केवल पर्यावरण पर ही नहीं, हमारे स्वास्थ्य पर भी गंभीर होता है:

  • सांस की बीमारियां – जैसे अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, सीओपीडी।

  • दिल की बीमारियां – वायु प्रदूषण से हृदयाघात और उच्च रक्तचाप का खतरा बढ़ता है।

  • बच्चों में फेफड़ों का विकास रुकना – प्रदूषित हवा में रहने वाले बच्चों के फेफड़े सही से विकसित नहीं हो पाते।

  • कैंसर का खतरा – लंबे समय तक प्रदूषित हवा में रहने से फेफड़ों के कैंसर का खतरा बढ़ता है।

  • इम्यून सिस्टम पर असर – शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है।

वायु प्रदूषण को कम करने के उपाय



आम नागरिक क्या कर सकते हैं?

  • सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें।

  • कारपूलिंग अपनाएं।

  • इलेक्ट्रिक वाहनों को प्राथमिकता दें।

  • प्लास्टिक और कचरा जलाने से बचें।

  • पेड़-पौधे लगाएं और उनका संरक्षण करें :- आम नागरिकों को कोशिश करना चाहिए की वह अपने घर आगन,खेत, रोड के आस पास, साथी ही अपने आस पास पड़ी खाली जमीन पर पेड़ पौधे लगाएं और उनकी देखभाल करे । 

  • वायु शुद्धिकरण यंत्र का उपयोग करें: घरों और ऑफिसों में वायु शुद्धिकरण यंत्र लगाएं। ये यंत्र वायु में मौजूद धूल, कीटाणु, अर्थव्यवस्था या अन्य विषाणुओं को हटाते हैं और शुद्ध करते है । या फिर गमलों का भी उपयोग कर सकते है जैसे :- स्नेक प्लांट,पीस लिली,स्पाइडर प्लांट,मनी प्लांट,अलोवेरा आदि । 

सरकार को क्या करना चाहिए?

  • सख्त प्रदूषण नियंत्रण कानून लागू करें।

  • पराली जलाने के विकल्प किसानों को प्रदान करें।

  • उद्योगों के लिए प्रदूषण नियंत्रण यंत्र अनिवार्य बनाएं।

  • निर्माण कार्यों पर निगरानी रखें 

  • सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा दें।

  • वनों की कटाई पर रोक लगाएं।

भारत में वायु प्रदूषण की ताजा रिपोर्ट क्या कहती है?

IQAir की 2024 की रिपोर्ट के अनुसार:

  • भारत के 22 शहर दुनिया के 30 सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हैं।

  • दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा, लखनऊ, पटना और कानपुर जैसे शहर लगातार वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में ‘गंभीर’ श्रेणी में आते हैं।

  • दिल्ली लगातार दुनिया का सबसे प्रदूषित राजधानी शहर बना हुआ है।

निष्कर्ष (Conclusion)

वायु प्रदूषण कोई एक दिन की समस्या नहीं है, यह वर्षों से लगातार बढ़ रही है। इसे रोकने के लिए केवल सरकार की नहीं, बल्कि आम नागरिक की भी जिम्मेदारी बनती है। यदि आज हम कदम नहीं उठाएंगे, तो आने वाली पीढ़ियां शुद्ध हवा के लिए तरस जाएंगी। समय आ गया है कि हम सभी मिलकर "स्वच्छ हवा" की दिशा में ठोस कदम उठाएं। 

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