निमाड़ कि अधूरी प्रेम कहानी
दो अच्छे दोस्त थे महेश और सुरेश दोनों मे गहरी दोस्ती थी | दोनों साथ मे काम करते थे | साथ काम करते करते दोनों के बीच दोस्ती इतनी बढ़ गयी की दोनों साथ रहने लगे | समय के साथ साथ उनकी दोस्ती और गहरी होती चली गई | फिर एक दिन सुरेश उसकी बहन को उसके कुछ काम के लिए रूम पर लाया वहाँ उसकी बहन सरिता की मुलाक़ात महेश से हो गई | अब दोनों दोनों दोस्त साथ तो रहते ही थे जब भी सरिता कॉल आता था तो कभी कभी महेश भी बात कर लिया करता था | सरिता अक्सर महेश को दोनों को हिल मिल कर रहने का बोला करती थी | धीरे धीरे महेश को भी सरिता से बात करना अच्छा लगता गया साथ ही सरिता भी कभी कभी महेश से बात कर लिया करती थी | महेश थोड़ा इंटलिजेंट था तो सरिता किसी भी छोटी बड़ी जानकारी के लिए महेश को कॉल कर लिया करती थी | धीरे धीरे दोनों के बीच मे बात चीत बढ़ती गई और महेश को सरिता से प्यार हो गया | महेश को सरिता की समझदारी , परिवार के प्रति ज़िम्मेदारी बहुत पसंद आई | साथ ही शायद सरिता को भी महेश की यह बात अच्छी लगी होगी ? क्योंकि महेश और सरिता दोनों अपने अपने परिवार मे बड़े थे | इसलिए ज़िम्मेदारी को दोनों बखूबी समझते थे | पर प्यार की बात ना तो सरिता को पता थी और नहीं ही सुरेश को पता थी | बस महेश सरिता को धीरे धीरे मन ही मन मे चाहने लगा था | अब महेश ने दोनों भाई बहन को इसलिए भी नहीं बताया की कहीं बरसों पुरानी दोस्त टूट ना जाए | बस महेश सुरेश की बहन से बात चीत करते रहता था दोनों की बात चीत धीरे धीरे दोस्ती मे बदल गई | महेश और सरिता की दोस्ती इतनी गहरी हो गई की दोनों एक दूसरे से छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी बातें शेयर करने लगे | महेश और सुरेश के बीच मे झगड़ा भी भी हुवा पर महेश और सरिता के बीच मे दोस्ती कम नहीं हुई | दोनों एक दूसरे की शादी से लेकर अपने अपने भविष्य तक की बातें किया करते थे | पर धीरे धीरे सरिता की दोस्ती महेश के लिए कम होती गई | सरिता की महेश के प्रति दोस्ती कम होने के दो कारण थे पहला की सरिता नर्सिंग कर रही थी तो उसका लेवल बढ़ रहा था उसे अपने आप पर गर्व हो रहा था और दूसरा कारण सरिता को भी किसी अमीर घराने के लड़के से प्यार हो गया था | यह दोनों कारण महेश को भी पता था लेकिन महेश के दिल से कभी भी सरिता के प्रति ना तो प्यार कम हुवा ना दोस्ती कम हुई | महेश सब कुछ जानने के बावजूद भी सरिता का हर बात से ख्याल रखता था | यहाँ तक की सरिता की नर्सिंग रनिंग मे होने के बावजूद भी महेश सरिता की नौकरी लगवाने की पूरी कोशिश करता रहा | पर महेश बेचारा क्या करता ? सरिता के पास महेश के लिए वक़्त की कमी होती चली गई क्योंकि सरिता जो वक़्त महेश को दिया करती थी वही वक़्त अब किसी और को दे रही थी | इतना सब होने के बावजूद भी महेश के दिल से कभी भी सरिता के प्रति प्यार कम नहीं हुवा |
धीरे धीरे समय बीतता गया फिर एक दिन अचानक महेश के पास facebook पर किसी ने सरिता की अश्लील फोटो भेजी, यह देख कर महेश के होश उड़ गए | अब महेश को भी सरिता से इस प्रकार की कोई उम्मीद नहीं थी | उसे समझ नहीं आ रहा था की वह करे भी तो क्या करे | यह बात सरिता को बताए भी तो कैसे बताए | एस बात का महेश को पहले तो शक था लेकिन फोट्स देख कर उसका शक हकीकत मे बदल गया | महेश को उस दिन पता चल गया था की रिश्ता तब तक मजबूत रहता है जब दो लोगों के राज़ किसी तीसरे को ना पता हो | जब दो लोगों के राज़ किसी तीसरे तक जाने लगे तो, दो मे से कोई एक रिश्ते को सिर्फ टाइम पास कर रहा है | पर अब यह बात महेश सरिता को कैसे समझता | फिर महेश ने अपने आप ही एक फैसला कर लिया की वह अब सरिता से बात नहीं करेगा | महेश खामोश सा रहने लगा | यही बात सोचता रहा की सरिता ये उम्मीद तो नहीं थी | सरिता बातें कितनी सराफ़त भरी करती थी लेकिन ऐसा करेगी ये कभी उसने सोचा नहीं था | गुमसुम गुमसुम रहते रहते कुछ महीने बीते फिर एक दिन महेश और सरिता के बीच इस टॉपिक पर बात हुई | महेश ने सरिता को व्हाट्साप पर फोटो शेर की | सरिता ने सफाई दी खुद को सही साबित करने की पूरी कोशिश की साथ उस लड़के को भी सरीफ़ साबित करने की कोशिश की | पर महेश हकीकत तो जान चुका था की ये सब कोई अनजाने मे तो नहीं हुवा | महेश को ये भी पता चल चुका था की वो फोट्स खुद उसी लड़के ने वाइरल कारवाई जिससे सरिता प्यार करती थी | सरिता को महेश ने बहुत समझाने की कोशिश की वह लड़का उसके लायक नहीं है पर सरिता पर तो उसके प्यार का भूत चढ़ा था वो तो उस से शादी करने की कसम तक खा गयी थी | महेश का सरिता को समझाने का उद्देश्य यह नहीं था की वह उस लड़के को छोड़ देगी तो सरिता उसे मिल जाएगी बल्कि वह लड़का वास्तविक मे सरिता के लायक नहीं था |
अब भला महेश अब भला महेश बिचरा क्या करता ? कैसे सरिता को समझता की वह उससे बहुत प्यार करता है ! कैसे सरिता को बताता की वह लड़का हकीकत मे उसके लायक नहीं है !
अब महेश ने खुद से समझोता कर लिया की वह सरिता की जिंदगी से कोई वास्ता नहीं रखेगा | पर उसके दिल से सरिता के लिए प्यार कम नहीं हुवा था | वह आज भी सरिता के लिए पहले की तरह तैयार रहेगा जैसे पहले था |
कहानी से कुछ सीख :-
1.आप जिसे भी चाहो उसे हो सके तो जल्दी से जल्दी बता दो
ताकि महेश की तरह आपको बाद मे तड़पना ना पड़े |
2.हद से ज्यादा कभी भी किसी को वक़्त मत दो
बेचार सरिता के लिए हमेशा वक़्त निकालने वाले महेश के लिए सरिता के पास वक़्त ही नहीं रहा
3.एक लड़की कभी भी गरीब लड़के से प्यार नहीं कर सकती |
जैसे की महेश गरीब था और सरिता जिस लड़के से प्यार करती थी वह महेश से अमीर था और सरिता के भी तेवर बढ़ाना तो तय था उसे नर्सिंग का घमंड जो आ गया था |
4.एक लड़की सच मे दिमाग से पैदल होती है |
जैसे की सरिता को सोचना चाहिए था की उन दोनों की फोटो तीसरे के पास कैसे गई क्योंकि
सेल्फी किस के मोबाइल से ली गयी थी
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