रिश्तों में आपकी हार भी जीत से कम नहीं होती है!

जीत एक ऐसी स्थिति है जिसमें इंसान को अपार उत्साह कि अनुभूति होती है। जीत किसी कार्य में कड़ी मेहनत से लगन से हासिल कि गई सफलता को कह सकते है।जीत एक ऐसी स्थिति होती है जब कोई व्यक्ति, समूह या टीम अपने लक्ष्य को हासिल करते हैं। जीत के माध्यम से, वे एक स्थिति में सफलता हासिल करते हैं जो उन्हें संतुष्टि और आत्मविश्वास देती है। जीत का अनुभव इंसान के जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण हो सकते हैं, क्योंकि जीत व्यक्ति को आत्मविश्वास देती हैं और उसे अधिक सक्षम बनाती हैं। जीत के अनुभव से व्यक्ति को आत्मसम्मान का भी एक अधिकार होता है, जो उसे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है।जीत एक उत्तरदायी और उत्साहजनक अनुभव होता है । किसी भी क्षेत्र में जीत हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत और लगन कि आवश्यकता होती है। अगर समूह या टीम के साथ जीत हासिल करना होता है तो समूह या टीम के सदस्यों में एकता का होना जरुरी होता है। जीत आपके आत्मविश्वास को तो बढ़ाती है,साथ हि आपको आगे बड़ने के लिए प्रेरित भी करती है। जीत हासिल करने के पश्चात व्यक्ति या समूह का जब मान सम्मान होता है,तब व्यक्ति या समूह को अधिक खुशी होती है उनके उत्साह का कोई ठिकाना नहीं रहता है ।
जीत को हमेशा मेहनत और लगन से हासिल करना चाहिए ना कि किसी षडयंत्र या धोखे से नहीं। आप षडयंत्र और धोखे से जीत तो हासिल कर सकते हो लेकिन उस जीत से मिली खुशी स्थाई नहीं होती है। वह जीत आपको कुछ दिनों के लिए जरुर खुशी दे सकती सुकुन दे सकती है लेकिन बाद में आपको अफसोस करने पर मजबूर कर देगी। इसलिए जीत ने के लिए कड़ी मेहनत करो, जीत निश्चय मिलेगी। अगर पहली बार में हार गए तो दोबारा कोशिश करिए एक दिन आपकी जीत जरुर होगी । और मेहनत से हासिल कि गई जीत से जो खुशी और सुकुन मिलता है वह जीवन भर आपके आत्मविश्वास को बनाए रखता है।
बात अगर रिश्तों में हार जीत आ जाए तो यहां व्यक्ति को काफी सोच विचार करना पड़ता है। क्योंकी रिश्तों में हार जीत या तो रिश्ते मजबूत कर देती है या रिश्तों को कमज़ोर कर देती है। जब कभी भी सवाल रिश्तों में हार जीत का आ जाता है तो इस बात का जरूर ध्यान दें कि आपकी हार जीत से रिश्तों में क्या प्रभाव पड़ेगा। अगर आपके जीत से ज्यादा आपकी हार रिश्तों को मज़बूत करती है तो ऐसे हालत में आपका हारना भी बेहतर हो जाता हैं ।


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