मजबूरियां इन्सान को कमज़ोर कर देती है !
मजबूरी एक ऐसी अवस्था होती है जब कोई व्यक्ति किसी निर्णय को लेने से पहले उसके पास कोई भी ऐसे विकल्प नहीं होते हैं जो उसे स्वतंत्र रूप से निर्णय लेने में कोई रुकावट ना हो। यह एक ऐसी स्थिति होती है जहां व्यक्ति के पास जितने भी विकल्प होते हैं, सारे के सारे खराब ही होते हैं और वह अपनी इच्छा से कुछ भी नहीं कर सकता है। मजबूरियों में व्यक्ति वह भी कर गुजरता है जो वह नहीं करना चाहता है। मजबूरियां अक्सर व्यक्ति को कमज़ोर कर देती है । मजबूरी में व्यक्ति किसी भी कार्य को अपना इच्छाओं को दबा कर करता है। कभी कभी उसे इस बात का भी अंदाजा नहीं होता की वह जो कार्य कर रहा है वह कार्य वास्तविक में सही भी है या गलत है।
मजबूरियां अक्सर आर्थिक, सामाजिक, या राजनीतिक परिस्थितियों से पैदा होती हैं, जो व्यक्ति के उन्नति के रास्ते बंद कर देती हैं। इसके अलावा, स्वास्थ्य संबंधी भी मजबूरियां होती हैं जो व्यक्ति के आरोग्य और उसके दैनिक जीवन को प्रभावित करती हैं। इन सभी मजबूरियों में, व्यक्ति के पास ना तो किसी प्रकार कि स्वतंत्रता या किसी विकल्प की व्यवस्था नहीं होती है और उसे करना पड़ता है ।
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