रिश्तों में मिलावट !

रिश्तों में मिलावट जिसका मतलब होता है कि दो या से अधिक व्यक्तियों के बीच के संबंधों में नकारात्मक परिवर्तन होना हैं। यह परिवर्तन आमतौर पर उन समयों में होता है जब एक व्यक्ति दूसरे के साथ धोखा देता है या अपने निजी स्वार्थ के लिए उसे बेवकूफ बनाता है। या यूं कहें कि रिश्तों में मिलावट तब हो सकती है, जब दो व्यक्तियों के बीच की भावनाओं में या अंदरूनी विचारों में अंतर होता है, जिससे वे एक दूसरे से अलग हो जाते हैं। इस स्थिति में, रिश्तों में मिलावट की वजह व्यक्तिगत समस्याएं या भावनाएं हो सकती हैं जो उनके संबंधों को दूर कर देती हैं। रिश्तों में मिलावट विभिन्न स्थितियों में हो सकती है - जैसे कि विवाह या संबंधों में विवाद, वसीयत विवाद या वित्तीय मामलों में धोखाधड़ी आदि या अनुचित व्यवहार, भ्रष्टाचार, विश्वासघात, असंतोष एक दुसरे से असहमत होना और भी कई अन्य कारणों से होती है। 
कुछ मुख्य कारण जिनसे रिश्तों में मिलावट हो सकती हैं :-

विश्वासघात :- बदले दौर में अक्सर देखा जा रहा है कि दो लोगों के बीच एक दूसरे पर भरोसा कम होता जा रहा हैं जिसकी वजह से उनके रिश्ते कमजोर होते जा रहे है। जब एक व्यक्ति दूसरे के साथ अनुचित व्यवहार करता है, तो दूसरे का विश्वास टूट जाता है जिससे उनका रिश्ता भी टूट जाता है।

संघर्ष :- कई बार देखा गया है कि दो लोगों के बीच उनकी आपसी भावनाओं के बीच मतभेद हो जाता है, जो रिश्ते में मिलावट का मुख्य कारण बनता है। जो संघर्ष उन्हें साथ मिलकर करना चाहिए होता है उस समय अधिकतर लोग अपने अपने विचारों को साबित करने की कोशिश करते हैं जो उनके रिश्तों को नुकसान पहुंचाता है।

समय का अभाव :- रिश्तों को बनाए रखने के लिए सबसे जरुरी है रिश्तों को समय देना और जब हम किसी रिश्ते को ठीक से नहीं निभाते या उसमें समय नहीं देते तो वह रिश्ता कमजोर हो जाता है । और रिश्तों में मिलावट आने का खतरा बढ़ जाता है।

भ्रम :- अक्सर लोगों के बीच किसी ना बात से भ्रम हो जाता है जो उनके रिश्तों में मिलावट कर देता है। लोग भ्रम को दूर ना कर भ्रम को सही मान लेते है भ्रम अक्सर सही को भी गलत समझने लगता है इससे अच्छे रिश्ते भी बिगड़ सकते हैं।

धोखा :-  जब कोई अपने रिश्तों में अपने भरोसेमंद व्यक्ति से बातें को छुपाने लग जाते हैं । साथ हि अपने रिश्तों से ज्यादा किसी और रिश्ते को महत्व दिया जाए , या फिर किसी करीबी से ज्यादा किसी और को वक्त दिया जाए तो ऐसी जगह पर रिश्तों में धोखा हो जाता है। और यही धोखा रिश्तों में मिलावट पैदा कर देता है ।

संदेह :- कभी-कभी लोग अपने पार्टनर पर संदेह करते हैं जो उनके रिश्तों को कमजोर बना सकता है । संदेश अक्सर व्यक्ति को गुमराह करता है। संदेह में बात सही भी लगती है और गलत भी लगती है। व्यक्ति सही गलत का ठिक से फैसला भी नहीं कर पाता है। और इस सही गलत के चक्कर में गलत हावी हो जाता है,और रिश्तों में मिलावट हो जाती है।

भ्रष्टाचार :- वैसे रिश्तों में भ्रष्टाचार तो नहीं होता है लेकिन जब दो लोगों के बिच में रिश्ता हि किसी व्यापार कि नीव पर रखा हो और उसमें भ्रष्टाचार होता है तो फिर रिश्तों में मिलावट होना लगभग तय होता है।
दो लोगों के बीच रिश्ते में मिलावट का मुख्य कारण भ्रष्टाचार होता है। जब एक व्यक्ति दूसरे को धोखा देता है या उसके साथ गलत काम करता है, तो रिश्ता टूट जाता है।

रिश्तों को महत्व ना देना :- अक्सर देखा गया है कि लोग मौजूदा रिश्तों को महत्व ना दे कर मौजूदा रिश्ते से बेहतर रिश्ते कि तलाश में लगे होते, इस वजह से वह मौजूदा रिश्तों को महत्व नहीं दे पाते है। इस वजह से भी अक्सर रिश्तों में मिलावट हो जाती है।

ऐसे और भी कई कारण हो सकते है जो रिश्तों में मिलावट पैदा कर सकते है।

अब समझते हैं रिश्तों में मिलावट से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण तरीके हैं।

संपर्क बनाए रखें :- रिश्तों में मिलावट से बचने के लिए सबसे महत्वपूर्ण तरीका है उस रिश्ते को संरक्षित रखना जिसे आप बनाए रखना चाहते हैं। इसलिए, आपको उस रिश्ते में हमेशा सक्रिय रहना चाहिए और उस रिश्ते को बचाने के लिए संपर्क बनाए रखना चाहिए।

अपने संबंधियों को समझें :- रिश्तों में मिलावट से बचने के लिए आपको अपने संबंधियों को समझना होगा। आप उनकी हर बात सुनें और समझें कि वे क्या कह रहे हैं और आपसे क्या चाह रहे है। उन्हें आपकी भावनाओं का समझना और समझाना भी आवश्यक होगा।

समस्याओं को जल्द से जल्द हल करें :- रिश्तों में मिलावट से बचने के लिए समस्याओं को जल्द से जल्द हल करना चाहिए। इससे आप अपने संबंधियों को स्पष्ट कर सकते हैं कि आप उन्हें और उनकी समस्याओं को समझते हैं। साथ वह यह भी जान पाएंगे कि आप रिश्तों में आने वाली हर समस्या से निपटते के लिए उनके साथ खड़े रहेंगे !

खुल के बोले :- रिश्ते में किसी भी प्रकार का कोई गिला शिकवा हो तो उसे दुर करें। जो भी बात बोलना हो वह बात खुल के बोले , खुल के बोलने से रिश्तों में मनमुटाव की गुंजाइश कम हो जायेगी । साथ हि खुल के बोलने से रिश्तों किसी प्रकार कि बातें छुपी भी ना रहेगी।

रिश्तों के लिए समय निकालें :- आज कल कि दौड़ भाग बहरी ज़िंदगी में समय का आभाव सब के पास है । लेकिन रिश्तों के लिए समय जरूर निकाले। रिश्तों को दिया गया समय आपको जिम्मेदार व्यक्ति के रुप मे प्रस्तुत करेगा। जिससे आपका रिश्ता मजबूत बना रहेगा ।
इसी प्रकार रिश्तों में होने वाली मिलवाटो से बच सकेंगे और अपने हर रिश्ते को मज़बूत बनाए रखेंगे !

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