सरकारी लड्डू भविष्य के लिए कितने लाभ दायक ?
जी हां सरकारी लड्डू हमारी सेहत के कितने फायदे मंद है और कितने नुकसान दायक है ? यहां सरकारी लड्डू मतलब सरकार कि मुफ्त की सुविधाएं ! जी हां सरकार आम जनता को जितनी मुफ्त कि सुविधाएं दे रही है, उन सुविधाओं पर होने वाले खर्च को भी आम जनता से हि वसूला जा रहा है। जनता को बस लगता है कि उन्हें सरकार मुफ्त में दे रही लेकिन वसूल भी तो उन्हीं से कर रही है। पेट्रोल डीजल गैस के दाम बड़ा कर महंगाई बड़ा कर तो कहीं पर किसी प्रकार का टैक्स लगा कर। हां सरकार की कुछ मुफ्त सुविधाएं कुछ हद तक गरीबों को राहत देती है, पर उन सुविधाओं को पाने के लिए गरीबों को बहुत मशक्कत करनी पड़ती है । उन्हे वह पात्रता पाने के लिए यहां से वहां तक इतना भटकना पड़ता है । और इतना भटकना पड़ता कि उसको भटकते भटकते उसकी पात्रता हि रद्द हो जाती है । तो कहीं किसी योजना कि पात्रता देने के लिए भ्रष्टाचार अधिकारी रिशवत मांगने लग जाते है या फिर अधिकारियों की लापरवाही कि वजह से किसी गरीब को उसके हक कि सुविधाऐं मिल हि नहीं पाती है। सराकर जनता को वोट बैंक समझती है जब कभी भी चुनाव नजदीक आता है कोई ना कोई फ्री कि सुविधाएं देकर जनता को लुभाने कि कोशिश में लग जाती है, और जनता भी फ्री ले लड्डू समझकर उसे लेने को आतुर हो जाती है । जनता इन फ्री के लड्डू के चक्कर में कौन सा नेता सही है कौन सा नेता गलत है इसका फैसला भी ठिक से नहीं कर पाती है, बस जो लड्डू बाट रहा है उसकी और हो जाती है। फिर यही फ्री के लड्डू उन्हे बीमार कर देते है फिर 5 साल तक जिसके लड्डू खाए होते है उन्हीं को कोसते रहते है । फ्री के चक्कर में 5 साल बर्बाद कर देते है। जैसे हि 5 साल हुए फिर फ्री के लड्डू कि होड़ लग जाती है। नेता समझ जाते है की उन्हें वोट कैसे हासिल करना है लेकिन जनता फिर भी नहीं समझ पाती है कि उन्हें वोट किन्हें देना है।
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