सिर्फ जरुरत पड़ने पर लोगों को याद करना कहां तक सही है?



सिर्फ जरूरत पड़ने पर ही लोगों को याद करना बिल्कुल गलत है। हम सब के पास अपनी अपनी जिंदगी होती है और जिंदगी में हम सभी को कुछ न कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं। कभी-कभी हमें समस्याओं का सामना करने के लिए दूसरों की मदद की जरुरत पड जाती है है। इसलिए, हमें दूसरों के साथ एक दूसरे का सहारा देना चाहिए, चाहे वो हमारे दोस्त, परिवार के सदस्य या वह जिन्हें हम नहीं जानते हों। क्योंकी हम उन्हें सहारा देंगे तो कभी हमें भी वो सहारा देंगे।
अगर हम लोगों सिर्फ जरुरत पड़ने पर ही याद करेंगे तो शायद हमें मदद या किसी प्रकार कि सहायता मिलने कि गुंजाइश कम हो । आपका सिर्फ जरुरत पड़ने पर याद करना लोगों की नजरों में सिर्फ यह बात सिद्ध करता है कि आप लोगों का और रिश्तों का सिर्फ इस्तेमाल करना जानते है लोगों को साथ देना और रिश्तों को निभाना बिल्कुल नही जानते। साथ लोगों को इस बात का भी यकीन होने लगता है कि आप सिर्फ उन्हें अपने मतलब से याद कर रहे है, और आपका मतलब निकाल जाने के बाद आप फिर से उन्हे पहले की तरह नजर अंदाज करने लग जाओगे | साथ ही आपका सिर्फ जरूरत पड़ने पर याद करना समाज में आपकी छवि को भी खराब करता है | जब कभी भी आप आपकी जरूरत पूरी होने के बाद आपके मददगार इंसान को भूल जाते है,और अगर फिर दोबारा उसी इंसान की आपको जरूरत पड़ती है तो शायद आपके पुराने बर्ताव की वजह से इस बार वह आपके काम ना आए | वह यह सोचकर भी आपके काम ना आए आप अपनी जरूरत पूरी कर के उन्हे पहले की तरह फिर भूल जाओगे | ऐसी और भी कई तरह की बातें सोच कर वह व्यक्ति आपके काम बिल्कुल नहीं आएगा | जो लोग भी सिर्फ अपने मतलब से ही किसी को याद करते है अक्सर उन लोगों के रिश्ते कमजोर होते चले जाते है | जीवन में कभी ना कभी किसी ना किसी की जरूरत पड़ ही जाती है | इसलिए कोशिश कीजिए की जब कोई आपके काम आता है तो आप भी लोगों के काम आए | और कभी भी किसी को भी सिर्फ जरूरत पड़ने पर ही याद ना करें | हमेशा लोगों से किसी ना किसी बहाने से लोगों से वक़्त निकालकर बातें करते रहिए | जिससे लोगों से आपका रिश्ता बना रहेगा | जीवन मे एक बात हमेशा याद रखिए की यह कलयुग यहां कोई अगर आज आपकी मदद कर रहा है तो वह भी भविष्य मे आपसे कभी ना कभी कोई मदद की उम्मीद से ही कर रहा है |

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