एक मजबूत रिश्ते को आखिर क्या चाहिए ?



हमारे जीवन में रिश्तों का बहुत ही महत्व होता है | जीवन  में  अकेले  रहना  बहुत ही मुश्किल है  इसलिए  हमें  कुछ  रिश्ते  हमारे  जन्म  से  पहले  ही  बन जाते  हैं  और  कुछ जन्म के  बाद हम बनाते है तो कुछ संयोग वश जुड़ जाते है |  लेकिन इन रिश्ते  को  निभाना  ये  हमारे  हाथ  में  है  वहीं  जरूरी  नहीं  है  कि  हम  हर  रिश्ते  को  खुश  रखें  विशेष रखें | और जरूरी ये भी नहीं की हर रिश्ता हमारे  दुख  की  घड़ी  में सभी  हमारे  साथ  हो  पर कुछ रिश्ते ऐसे होते जो हमे उम्र भर साथ निभाते है उम्र भर खुश रखते  है | इसलिए हमे हर रिश्ते को दिल से और पूरी ईमानदारी की साथ निभाते हुए उन्हे मजबूत बनाने की कोशिश करना चाहिए |

 

कभी-कभी  घनिष्ठ  रिश्तों में  भी  परस्पर  कुछ मनमुटाव  की  वजह  से रिश्तों में  कड़वाहट  आ जाती  है,  तो  कई  बार  रिश्ते  के  टूटने  तक  की  नौबत तक    जाती  है   रिश्ते  हमारे जीवन मे बहुत महत्वपूर्ण होते है , इसलिए  हमें  अपने  रिश्तों  को  मजबूत  बनाने  की कोशिश करना  चाहिए  और  उनकी  अहमियत  को  उजागर  करना  चाहिए | रिश्तों को मजबूत बनाए रखने के लिए रिश्तों को वक़्त देना पड़ता है एक दूसरे की आवशयकता को समझना होता है , छोटी से छोटी और बढ़ी से बढ़ी मूशिबत में साथ देना होता है | अगर किसी प्रकार की कोई गलतफहमी हो तो उसे दूर करना चाहिए | इन सब बातों को हम ध्यान रख कर हम अपने रिश्तों को टूटने से बचा सकते है साथ ही रिश्तों को मजबूत भी बना सकते है | वैसे कहते है की प्यार  से बने  रिश्तों को कोई कितना भी तोड़ने की कोशिश क्यों ना करले वो रिश्ते बहुत मुश्किल से टूटते है | और अगर दोनों लोगों मे अगर विश्वास है तो उस रिश्ते कोई तोड़ ही नहीं सकता | लेकिन  स्वार्थ  से बने रिश्ते एक ना एक दिन टूट ही जाते है | स्वार्थ से बने रिश्ते हमे कुछ पल के लिए खुशी तो दे सकते पर उम्र भर साथ नहीं निभा सकते | इसलिए स्वार्थ से रिश्ते बनाने वाले लोगों से हमे सावधान रहना चाहिए और हमे भी कोई रिश्ता किसी स्वार्थ से नहीं बनाना चाहिए |

कोई  भी  रिश्ता तोढ़ने  से पहले  एक  बार  खुद  से  पूछें  कि  आज  तक  ये  रिश्ता हम क्यों  निभा  रहे थे ? कभी कभी रिश्ते किसी एक इंसान के अहंकार की वजह से भी टूट जाते है | ऐसी स्थिति मे बेहतर यह होगा की अहंकार दिखा कर रिश्तों को तोड़ने की बजाय माफी मांगकर रिश्तों को बचाया जाए | जब भी अगर  दो  लोगों  के बीच  में  कभी  लड़ाई    हो , तो  समझ लो  की रिश्ते  को  दिमाग  से  नहीं  जोड़ा  जा  रहा  है बल्कि उसे दिल से जोड़ा गया है |

कुछ  रिश्ते  जीवन  भर  के  लिए जुड़े  होते  हैं  और  हमारे  जीवन  के  हर  सुख-दुख  में हमारा  साथ निभाते  हैं   वहीं  कुछ  रिश्ते  ऐसे  होते  हैं  जिनसे  हम  किसी खास   रूप  से  जुड़े  रहते  हैं  और  जिनके  होने  से  ही  हर  मुश्किल  एवं  चुनौती  का  सामना  करने  की  हिम्मत  आती  है  और  आगे  बढ़ने  की  प्रेरणा  मिलती  है 

 

  वहीं  कई   बार   रिश्तों  में  सही-गलत  की  पहचान  करना  भी  मुश्किल  होता  है  अच्छे, बुरे  के  चक्कर  में  हम उलझते  चले  जाते  हैं , और  रिश्ते  बिगड़  जाते  हैं ,  जिसकी  वजह  से  इंसान  बुरी  तरह  टूट  जाता  है  अच्छे लोगों का हमारे जीवन मे मिलना किस्म्स्त की बात है,पर उन्हे संभाल कर रखना ये हमारे हुनर की बात है |

एक  भी  रिश्ता  ऐसा नहीं  होता जिसे आप एक दम से पकड़ ले,  रिश्तों  को आप   आज़ादी  और  सम्मान  के  साथ  धीरे-धीरे  पकड़ने  लगोगे, तभी रिश्ते  बने  रहेंगे। लेकिन  अगर  आप  रिश्तों  को  अधिकारिक  रूप  से  जोर  से  पकड़ने  की कोशिश करोगे  तो  आप  उन  रिश्तों  को  खो  देंगे  इसलिए कभी भी रिश्तों मे ज़ोर जबरजस्ति नहीं करना चाहिए | ना ही ज़्यादातर एक दूसरे पर हक जाताना चाहिए |

जब  भी  आप  रिश्तों  में  किसी  का  विरोध  करते  हैं  तो  एक  ही  ऐसी  बात  है  जो आपके  रिश्तों  को  तोड़ती सकती  है  और  वह है  आपका  रवैया  है 

रिश्ते हमारे  जीवन  को  आसान  और  सफल  बनाने  में   मद्द  करते  हैं   इसलिए हम  सभी  को  पूरी  ईमानदारी  और  सच्चाई  के  साथ  हर  रिश्ते  को  निभाना  चाहिए   चाहे  वह  मां-बाप  का  रिश्ता  हो,  पति-पत्नी  का  रिश्ता  हो, भाई-बहन  का रिश्ता  हो  या  फिर  दोस्ती  का  रिश्ता  ही  क्यों    हो 

रिश्तो  में  मुश्किलें  तब  आती  हैं  जब  कोई  भी  इंसान रिश्ता  किसी  उद्देश्य को  लेकर  बनाता  है,  ऐसे  समय  में  वे  उन  लोगो  को  ढूंढ़ने  की  कोशिश  करते  हैं  जो उन्हें  अच्छा  लगता  है   लेकिन  असल  में  रिश्ते  को  अंत  तक  ले  जाने  का यह सही तरीका नहीं है बल्कि सही तरीका यह  है  कि  आप  रिश्ते  में कुछ  लेने  की  बजाय  कुछ  देने  की  कोशिश  करें |

इसलिए रिश्ते दिल से बनाइये दिमाग से नहीं 

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