आज कल के प्यार में पहले जैसी बात ही नहीं रही !
वास्तव में आज कल का प्यार पहले जैसा प्यार बिल्कुल नहीं रहा । आज कल के प्यार में स्वार्थ, मतलब, दिखावा जताना, रिश्तों को जबरदस्ती थोपना ये सब है । पहले रिश्तों को दिल से निभाया जाता था लेकिन अब निजी स्वार्थ से अपने मतलब से निभाए जाते है । बहुत कम लोग ही रिश्तों को दिल से निभाते है। ना ही कोई रिश्तों को समय दे रहा है ना हि कोई रिश्तों महत्व दे रहा है।
प्यार बनाए रखने के लिए सबसे जरूरी है विश्वास, लेकिन आज कल के प्यार में विश्वास बहुत हि कम रहा गया है। प्यार में विश्वास की जगह शक ने ले ली है। आज कल छोटी से छोटी बातों मे शक उत्पन्न हो जाता है | इन्सान को रिश्तों में एक दूसरे पर भरोसा बिल्कुल नहीं रहा | एक दूसरे को अपने अनुसार रहने पर मजबूर करते है उन्हें कहा जाना है क्या पहनना है क्या खाना है क्या पीना है सब कुछ | ये सब बातें भी रिश्तों को कमजोर कर रही है
प्यार मे एक दूसरे को सम्मान देना भी रिश्ते को मजबूत बनाता है | लेकिन आज कल के प्यार मे इस चीज की भी कमी होती जा रही है | छोटी छोटी बातों पर एक दूसरे को नीचा दिखाकर एक दूसरे को अपमानित किया जाता है | गलती हर किसी से होती है, लेकिन रिश्तों में अक्सर पार्टनर्स अपनी गलती मानने में हिचकिचाते हैं। यही उनकी लड़ाईयों और दूरियों का कारण बन जाता है। कुछ समय बाद दोनों के बीच प्यार की कमी भी महसूस होने लगती है। हालांकि अगर आप अपने अहंकार को रिश्ते से दूर रखते हैं और अपनी गलती को स्वीकार करते हुए उनसे माफी मांग लेते हैं, तो बढ़ने वाली बात वहीं थम जाती है। जिससे आपके रिश्ते में समस्या आने के बावजूद उसकी डोर हमेशा मजबूत रहती है |
आज कल की तकनीकी को से थोड़ी सी दूरी जरूर रखे | आज के समय में लोग ज्यादातर समय स्मार्टफोन, कंप्यूटर, सोशल मीडिया, टेलीविजन आदि के साथ बिताते हैं।इनके चलते, वे अपने साथियों से नहीं मिल पाते हैं और अपनी बातचीत को ज्यादा समय देने में असमर्थ हो जाते हैं। इससे उनके जीवन में शामिल होने वाले वास्तविक संबंधों के संदर्भ में भी बदलाव आता है और इससे प्यार के उत्सव में उत्साह कम होता है|
आज के समय में लोग अपनी व्यस्त जीवनशैली के चलते रिश्तों को ज्यादा समय नहीं दे पाते हैं और उन्हें अपने संबंधों को निरंतर बनाए रखने के लिए अधिक प्रयास करना पड़ता है। अपनी व्यस्त जीवन शैली से वक़्त निकाल कर रिश्तों को भी वक़्त देना जरूरी होता है | उन्हे कभी भी एक दूसरे की कमी का अहसास नहीं होना चाहिए ।
मौजदा रिश्ते से किसी और से बेहतर रिश्ते की उम्मीद करना । लोग नए रिश्ते बनाने और बेहतर रिश्ते की तलाश में मौजूदा रिश्ते को महत्व देना हि भूल जाते है। जिससे मौजूदा रिश्ता कमज़ोर होने लग जाता है। नए रिश्ते बनाने और बेहतर रिश्ते की तलाश करने की बजाए मौजूदा रिश्ते को ही महत्व दिया जाए उसी रिश्ते को और बेहतर बनाने की कोशिश की जाए। औरों पर भरोसा करने की बजाए अपने मौजूदा रिश्ते पर ही भरोसा किया जाए। अपने रिश्ते को पूरा पूरा वक्त दें। फिर आपको जीवन में ना तो नए रिश्ते बनाने की जरुरत पड़ेगी और ना ही बेहतर रिश्ते की तलाश करनी पड़ेगी ।
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