गलतीयां भी होना जरूरी है !
गलतियां
ज़िंदगी मे हमसे कभी ना कभी कोई ना कोई गलती हो ही जाती है,हर इंसान से कभी ना कभी कोई ना कोई गलती तो जरूर की होगी अब वह गलती जानबूझकर की गयी हो या अनजाने मे हुई हो पर गलती तो हुयी होगी | कहते है की इंसान तो गलतियों का पुतला होता है इसलिए उस से गलतीयां हो जाती है | और वैसे भी हमसे गलती होना भी जरूरी है क्योंकि हमसे हुई एक गलती हमे कई और गलतीयां करने से रोकती है | हमारी गलतीयां ही हमे कुछ ना कुछ जरूर सिखाती है और हमे भी हमारी गलतियों से सीखने की कोशिश करना चाहिए | खेर एक समझदार इंसान तो अपनी गलतियों से सिखता भी है और साथ ही वह अपनी गलती को सुधारने की कोशिश भी करता है और साथ मे यह कोशिश भी करता है की उस से दोबारा वह गलती ना हो | लेकिन एक ना समझ इंसान गलतियों पर गलतीयां करता रहता है | साथ ही वह अपनी गलतियों से कुछ सीखना तो दूर की बात वह अपनी गलतियों को सुधारने की कोशिश तक नहीं करता है |
गलतीयां कीजिये पर किसी के साथ गलत मत कीजिये ! आपकी गलतियों से किसी को ठेंस पहुंचे किसी का दिल दुखे या किसी का कोई नुकसान हो ऐसी गलती बिल्कुल भी मत कीजिये क्योंकि ऐसी गलतीयां आपको माफी के काबिल तक नहीं छोडती है | गलतीयां अगर अंजाने मे हो जाए तो शायद लोग आपको माफ भी कर दे लेकिन अगर आप किसी के साथ जानबूझकर गलत करे तो वह गलती नहीं वह धोखा होता है | अगर आपसे कोई गलती हुई हो और उस गलती का किसी को पता तक ना हो तो ऐसी गलतियों को छुपना भी एक गलती है इसलिए आपसे जब कभी भी गलती हो तुरंत अपनी गलती स्वीकार कर कर के बता दीजिये क्योंकि आज नहीं तो कल आपकी छुपी हुई गलती किसी ना किसी के सामने तो आ ही जाएगी | अगर वह गलती आप आज स्वीकार कर लेते है तो शायद आपको उस गलती को सुधारने का मौका मिल जाए ओर माफी के हकदार भी बन जाओ ओर शायद बाद मे ना तो आपको गलती सुधारने का मौका मिले ओर ना माफी मिले | इसलिए आपसे जब कभी भी गलती होती है तो उसे तुरंत स्वीकार कर उसे सुधारने मे लग जाइए |
हमे गलतीयां कभी कभी ज़िंदगी मे आगे बड़ने का मौका भी देती है | कभी कभी हम नाकामयाब भी हम हमारी गलतियों की वजह से ही होती है,ऐसी स्थिति मे हमे हमारी गलतियों को सुधार कर फिर से आगे बड़ने की कोशिश करनी चाहिए | इस स्थिति मे हमारी गलतीयां ही हमारी सफलता की सीढी की वजह बन जाती है | हमारी गलतीयां इस बात का सबूत भी होती है की हमने किसी कार्य को करने का प्रयास तो कर रहे है | हमसे गलतीयां कई वजहों से हो सकती है जैसे हमारा कार्य पूरी तरह ध्यान ना होना , कार्य के प्रति लापरवाही बरतना और भी कई वजह हो सकती है | इसलिए कार्य के दौरान हमे इन सब बातों का ध्यान रखना चाहिए |
रिश्तों मे कभी भी गलतीयां मत कीजिये क्योंकि रिश्तों मे हुई गलतीयां कभी कभी आपके रिश्तों को भी खत्म कर देती है | रिश्तों मे अगर गलती से गलतीयां हो भी जाए तो उसे स्वीकार कर माफी मांगे और गलती को सुधारने मे लग जाइए जिस से आपका रिश्ता बना रह सकता है | रिश्तों मे माफी मांगना माफ करना दोनों जरूरी होता है | क्योंकि आज गलती सामने वाले से हुई है तो कल गलती आपसे भी हो सकती है | इसलिए अगर आज आप किसी को माफ करोगे तो कल आपको भी कोई माफ कर देगा | पर कभी कभी इंसान को कुछ गलतीयां माफ करना भी बहुत बड़ी गलती साबित हो जाता है | इसलिए गलतीयां भी सोच समझकर कीजिये माफ भी सोच समझकर दीजिये | अक्सर वह गलतीयां इंसान को बहुत दर्द देती है जिनकी माफी मांगने का वक़्त निकाल चुका होता है | इसलिए रिश्तों मे वक़्त रहते गलतियों को सुधार कर गलतियों की माफी मांग लेना चाहिए | रिश्तों मे गलतियों का दूसरा रूप होता है गलतफेमि, जब रिश्तों मे गलतफेमि जगह बना लेती है तो आपकी छोटी से छोटी गलती भी सामने वाले को बड़ी नजर आने लगती है |
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