हाय ये सरकारी नौकरी !
देश के युवाओं को आखिर सरकारी नौकरी ही क्यों चाहिए ?
क्या सरकारी नौकरी में काम नहीं करना पड़ता है ?
क्या समाज में सरकारी नौकरी वाले को प्राइवेट नौकरी वाले से ज्यादा सम्मान मिलता है ?
क्या सरकारी नौकरी में ही सब सुविधाएं मिलती है प्राइवेट नौकरी मे कोई सुविधा नहीं मिलती ?
जी हां ऐसे ओर भी कई सवाल है जिनसे देश के युवा ओर समाज भ्रमित है | देश के युवाओं मे यह भ्रम समाज के कुछ लोगों ने भरा हुवा और देश के युवा भी भ्रमित होते चले जा रहे है | देश के युवाओं ओर समाज का यह मानना है की उन्होने जो भी शिक्षा ली है वह शिक्षा सिर्फ ओर सिर्फ सरकारी नौकरी पाने के लिए ही ली है साथ ही उनका यह भी मानना है की अगर उनको सरकारी नौकरी नहीं मिलती है तो उनके पास जो शिक्षा है जो डिग्री है वो किसी भी काम की नहीं है | यह वास्तव मे एक भ्रम है, जो समाज मे बेरोजगारी ओर गरीबी को बड़वा दे रहा है | जब कोई युवा किसी परीक्षा की तैयारी करता है ओर उस परीक्षा मे फैल हो जाता है तो वह समाज के इन्ही भ्रमों की वजह से आत्महत्या करने तक के बारे मे सोचने लग जाता है की समाज मुझे क्या कहेगा ? वास्तव मे युवाओं ने जो शिक्षा ली है जो डिग्री उनके पास है जरूरी नहीं की वो बिना सरकारी नौकरी के बेकार है बल्कि वह शिक्षा वह डिग्री का वह अपने निजी व्यवसाय मे भी इस्तेमाल कर सकते है | हां आपकी अधूरी शिक्षा आपके लिए जरूर गलत हो सकती है लेकिन आपकी ली गई पूरी शिक्षा कभी गलत नहीं हो सकती है |
काम तो सरकारी नौकरी मे भी करना पड़ता है | अगर कोई सरकारी कर्मचारी काम नहीं कर रहा है तो यकीनन वह कर्मचारी ही गैर जिम्मेदार है | वह अपनी ज़िम्मेदारी निभा ही नहीं रहा है | जिम्मेदार व्यक्ति तो अपना हर कार्य ज़िम्मेदारी से और कर्तव्य समझकर करता है अब नौकरी सरकारी हो या प्रायवेट हो | समाज मे बस यह के भ्रम है है की सरकारी नौकरी मे काम नहीं करना पड़ता है, बल्कि वास्तव मे ऐसा नहीं है | हां ये बात अलग है की आपसे उच्च अधिकारी भी अगर गैर जिम्मेदार है तो निश्चित है आपको कार्य नहीं करना पड़ेगा क्योंकि आपसे उच्च अधिकारि आप क्या कर रहे है इस बात का निरीक्षण करना ही नहीं चाहते क्योंकि उन्हे भी पता है की वो और आप एक ही तो बिरादरी के है | अगर आपसे उच्च अधिकारी यह सोचने लग जाए की जैसे हमे तनख्वाह मिल रही है वैसे उन्हे भी सरकार दे रही है हमारे बाप का क्या जा रहा है तो फिर निश्चित ही आपको कार्य नहीं करना पड़ेगा | कुछ गैर जिम्मेदार सरकारी कर्मचारियों की वजह से ही समाज मे यह भ्रम फैला है की सरकारी नौकरी मे काम नहीं करना पड़ता है नहीं तो काम तो सरकारी नौकरी मे भी करना पड़ता है |
समाज मे लोगों की सोच का कुछ नहीं कहा जा सकता समाज मे अच्छे बुरे लोग होते ही है | सम्मान करने वाला व्यक्ति तो सब का सम्मान करता है अब वह सरकारी नौकरी वाला हो या प्रायवेट नौकरी वाला हो | उसके लिए हर व्यक्ति समान होता है | बस कुछ अंधविश्वसी लोग ही होते है जो सरकारी ओर प्रायवेट नौकरी मे भेदभाव करते है वरना नौकरी नौकरी होती है अब चाहे वो प्रायवेट हो या सरकारी |
श्रम कानून के अनुसार प्रायवेट नौकरी मे भी वो हर सुविधा मिलती है जो एक सरकारी नौकरी मे कर्मचारी को मिलती है | समाज मे यह अंधविश्वास है की प्रायवेट नौकरी मे कर्मचारी को कोई सुविधा नहीं मिलती है | जिस तरह सरकारी नौकरी में कर्मचारी व्यक्ति ओर व्यक्ति के परिवार जी ज़िम्मेदारी सरकार उठाती है उसी तरह प्रायवेट नौकरी मे भी कर्मचारी व्यक्ति ओर व्यक्ति के परिवार की ज़िम्मेदारी कंपनी खुद उठाती है |
टिप्पणियाँ